अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु श्रीमद वल्लभाचार्य संप्रदाय आचार्य वर्य श्री वाकपति पीठाधीश पूज्यपाद श्रीमद गो. श्री १०८ श्री मथुरेश्वर जी महाराज श्री
(सूरत - वड़ोदरा)
परिचय
नाम | : | अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु श्रीमद वल्लभाचार्य संप्रदाय आचार्य वर्य श्री वाकपति पीठाधीश पूज्यपाद श्रीमद गो. श्री १०८ श्री मथुरेश्वर जी महाराज श्री |
जनक | : | नि.ली. श्री मधुसूदनलाल जी महाराज |
जननी | : | नि.ली.अ.सौ. श्रीमती चन्द्रप्रभाबहूजी |
पितामह | : | नि.ली.श्री ब्रजरत्नलाल जी महाराज श्री |
जन्म | : | वि.स. 1994, चैत्र शुक्ल 11, दिनांक - 10 अप्रैल 1938 (सूरत) |
विधाध्ययन | : | न्याय-वेदांत, उपनिषद-श्रीमदभागवत -रामायण, श्रीमदवल्लभसिद्धांत, पुराणों का गहनि अध्ययन, शांकर-रामानुज-माधव-जैन-बौद्ध भारतीय मतों के अतिरिक कुरान-ए-शरीफ, बाइबल-इंजील आदि धर्मो का तुलनात्मक अध्ययन. |
साहित्य | : | हिंदी, उर्दू, गुजराती, भाषा के प्रकाण्ड विव्दान, कवी, सैकड़ो रचनाओं का सृजन.संस्थापक अध्यक्ष: पुष्टि कल्पतरू, त्रिमासिक-(हिंदी-गुजराती) |
समाज | : | शुध्दाव्दैत वैष्णव बाल मंदिर, शुध्दाव्दैत वैष्णव प्राथमिक शाला, शुध्दाव्दैत वैषणव हाईस्कूल तथा श्री वल्लभाचार्य विधासभा की मद्रास में स्थापना. इसके अतिरिक तमिलनाडु में ही वैष्णव कॉलेज व वैष्णव महिला कॉलेज की 1963 में स्थापना अमेरिका के न्यूयॉर्क ह्यूस्टन में श्री गोवर्धननाथ जी के मंदिर तथा पेंसिल्वेनिया में 250 एकड़ भूमि में ब्रज भूमि व मंदिर की स्थापना। |
संस्थापक संरक्षक | : | अखिल विश्व वल्लभ प्रीति सेवा समाज |